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कद्दू खाने के फायदे और नुक्सान -Benefits of Pumpkin in hindi

कद्दू खाने के फायदे और नुक्सान

आप सब लोग कैसे हो। Hindi ki news के पेज पर आपका स्वागत है। आज हम एक नया आर्टिकल आप सभी लोगो के लिए लेकर आये है। जिसका आर्टिकल का नाम है। कद्दू खाने के फायदे और नुक्सान -Benefits of Pumpkin in hindi आइये आज इस आर्टिकल को लिखने की शुरुवात करते है। तो चलिए अब हम इसके बारे में फायदे और नुक्सान की भी पूरी जानकरी को विस्तार से समझते है , इसकी सब्जी कैसे बनाये और इसका क्या- क्या उपयोग सकते है।

सबसे पहले आपको ये बता देती हु की कद्दू (Pumpkin) एक प्रकार की सब्जी (Vegetable) है, जो की मिटटी मे बेल पर लगता है। जिसका इस्तेमाल अधिकतर सभी घरो में खाने में किया जाता है। यह बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होता है, इसके अलावा इसका उपयोग सब्जी के साथ घरो में हलुआ और खीर को बनाने के लिए भी किया जाता है। तो आइये जानते है। कद्दू से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में

कद्दू खाने के फायदे और नुक्सान -Benefits of Pumpkin in hindi

Pumpkin Information in Hindi – (सीताफल)

कद्दू एक प्रकार का  मिट्टी में लगने वाला स्थलीय पौधा है। इसे कुछ लोग कद्दू तो कुछ लोग सीताफल और कुछ लोग कुम्हड़ा के नाम से भी जानते है। कद्दू का एक वैज्ञानिक नाम भी है जिसका नाम है, ककुर्बिता (Scientific Name:- Cucurbita) और इसका English में नाम है। Pumpkin कद्दू का पौधा एक प्रकार की बेल का रूप ले लेता है फिर इसके ऊपर Pumpkin (कद्दू) लगता है, हालाकिं इसे हम पौधा और बेल दोनों ही कह सकते है।

कद्दू खाने के फायदे और नुक्सान-min

Pumpkin  (कद्दू) इस पौधे का तना बहुत कमजोर होता है, यह आकर में बहुत लम्बा होता जाता है। इस पौधे का रंग भी हरा ही होता है।  इसके तने पर हल्के-हल्के और छोटे-छोटे से रोयें निकले हुए होते है। कद्दू के पौधे की पत्तियां बहुत बड़ी और चौड़ी भी होती है, जिनका आकर एक वृत्ताकार की सेप में होता है। Pumpkin (सीताफल) का पौधा जब बड़ा होता जाता है, तो इसके ऊपर पीले – पीले रंग के फूल आने लगते है, इसके फूल में 5 पंखुड़ियां होती है। जो देखने में बहुत ही सुन्दर लगती है, और ये पंखुड़ियां आपस में जुड़ी हुई होती है, इसका आकर अपूर्ण रूप से घंटे की तरह होता है। इसमें नर और मादा पुष्प दोनों ही अलग-अलग होते हैं। नर पुष्प के अंदर तीन पुंकेसर मौजूद होते हैं,और  जिसमे दो से एक जोड़ा होता है, और तीसरा वाला पुंकेसर स्वतंत्र रूप से रहता है। मादा पुष्प में संयुक्त रूप होने से अंड होते हैं, इन्हे युक्तांडप कहते हैं। कद्दू को सब्जी या फल इन दोनों ही रूप में लोग जानते है। इसलिए ही कद्दू को Pumpkin (सीताफल) भी कहा जा सकता है।

Pumpkin का फल अन्य और सब्जियों की अपेक्षा में बड़ा होता है। कद्दू के फल का आकर लम्बा या फिर गोल भी हो सकता है। हालाकिं आमतौर पर देखा गया है की इसका आकार गोल ही होते है। इसकी और भी कुछ अन्य प्रजातियां होती है, जिनमे इसका आकार लम्बा भी आता है। इस फल के अंदर बहुत सारे बीज होते है, इसका वजन आमतौर पर कम से कम 3 से 8 किलोग्राम से भी अधिक तक हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी प्रजाति मैक्सिमा में है, जिसके ऊपर लगने वाले फलों का वजन 30 किलोग्राम से भी और अधिक हो सकता है। कद्दू की खेती दुनिया के हर एक हिस्से में होती है। सबसे ज्यादा कद्दू की खेती को संयुक्त राज्य अमेरिका में किया जाता है ,फिर मेक्सिको में भी होती है, भारत एंव चीन में भी इसका बहुत अधिक मात्रा में खेती की जाती है।

कद्दू की बेल की आयु सिर्फ 1 वर्ष की ही होती है। कद्दू के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते है,और कई सारे खनिज भी पाए जाते है। इसके सेवन से कई सारी बिमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसकी खेती पूरी दुनिया में की जाती है। गांव में तो लोग इसको अपने घर में ही उगा लेते है।

               पोषक तत्व          मात्रा प्रति 100 ग्राम
            पानी    91.6 ग्राम
            ऊर्जा    26 kcal
            कैलोरी    109 किलोजूल
            प्रोटीन    1 ग्राम
            शुगर    2.76 ग्राम
            कार्बोहाइड्रेट    6.5 ग्राम
            फैट    0.1 ग्राम
           फाइबर    0 .5 ग्राम
                                              मिनरल्स
                सेलेनियम        0.3 माइक्रोग्राम
                कैल्शियम        21 मिलीग्राम
                मैगनीज          0.125 मिलीग्राम
                सोडियम         1 मिलीग्राम
                आयरन         0.8 मिलीग्राम
                फास्फोरस          44 मिलीग्राम
                 जिंक            0.32 मिलीग्राम
                 कॉपर            0.127 मिलीग्राम
                पोटैशियम           340 मिलीग्राम
                मैग्नीशियम           12 मिलीग्राम
                                            विटामिन
             कोलीन          कोलीन
             नियासिन          0.6 मिलीग्राम
             थायमिन          0.05 मिलीग्राम
  विटामिन-के        1.1 माइक्रोग्राम
  विटामिन सी         9 मिलीग्राम
  विटामिन-ई         0.061 मिलीग्राम
  विटामिन-बी6         0.061 मिलीग्राम
  विटामिन-ए, आईयू         0.11 मिलीग्राम
  राइबोफ्लेविन         0.11 मिलीग्राम
  फोलेट        16 माइक्रोग्राम
  विटामिन-ए, RAE        426 माइक्रोग्राम
  पेन्थोथेनिक एसिड        0.298 मिलीग्राम
  बीटा कैरोटिन         3100 माइक्रोग्राम
                                                लिपिड
   फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड       0.052 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड       0.005 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड       0.013 ग्राम

26 सितंबर (Pumpking Day) भी में मनाया जाता है।

कद्दू (सीताफल) खाने के फायदे – Benefits of Pumpkin in Hindi

कद्दू (सीताफल) में कई तरह के एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण तत्व मौजूद होते है। जोकी हमारी बॉडी (शरीर) के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक भी होते है। इसके सेवन करने से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां से भी छूटकर मिल सकता है। कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्व और इस को खाने से क्या -क्या फायदे और नुक्सान होते है, इसके बारे में आपको मैंने नीचे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को देने की कोशिश की है। तो आइये जानते है,हम कद्दू और कद्दू के बीज से होने वाले फायदे के बारे में :–

1- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है,कद्दू

अगर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी और मजबूत होती है, तो हमारा शरीर छोटी – छोटी  बिमारियों से बहुत ही आसानी से लड़ लेता है। कुछ शोध के अनुसार पता चला है की कद्दू के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे बीटा-कैरोटीन और फाइबर राइबोफ्लेविन,और  विटामिन-A और विटामिन C, विटामिन E, और पोटैशियम,जैसे की कॉपर है ,और मैंगनीज आदि। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है। जिससे की हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह का खतरा कुछ मात्रा में कम हो जाता है। आपको अपनी दिनचर्या में कद्दू की सब्जी का सेवन करना चाहिए।

2- कद्दू विटामिन-A की कमी को पूरा करता है।

कद्दू के अंदर कई सारे पोषक तत्व और खनिज मौजूद होते है, लेकिन इसके अंदर सबसे अधिक मात्रा में विटामिन-A पाया जाता है। जो की मनुष्ये के शरीर में हड्डियों और दांतो के लिए बहुत ही जरुरी होता है। इसके साथ ही साथ विटामिन A महिलाओं की गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी बहुत लाभदायक माना जाता है। साथ ही विटामिन A हमारी आँखों को लिए भी लाभदायक माना जाता है।

3- कद्दू के फायदे बालों को लिए

कद्दू के अंदर विटामिन और खनिज के अलावा कई पोषक तत्व मौजूद होते है। जो की बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है। कुछ रिसर्च से पता चला है की कद्दू के सेवन से बालों का वॉल्यूम जल्दी बढ़ता है,और बल स्वस्थ और लम्बे समय तक काले भी रहते है।

4- मधुमेह को नियंत्रित करता है,कद्दू

मधुमेह की बीमारीं वर्तमान समय में एक सामान्य सी बीमारी बन गई है। लेकिन अगर इसका पता शुरू से ही लग जाता है तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी में आप कद्दू का सेवन कर सकते है। इसके अंदर एंटी डायबिटीक गुण होते है, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में लाभदायक होते है। इसके अलावा कद्दू में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक की प्रक्रियां भी होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम करती है। इसके सेवन करने से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

5- त्वचा को स्वस्थ रखने में लाभदायक है, कद्दू

कद्दू के अंदर बीटा कैरोटीन तत्व पाया जाता है, जो की शरीर की त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह तत्व आपकी त्वचा को सूरज तेज पराबैंगनी किरणों से बचाता है। इसके अलावा कद्दू के अंदर के बीज में लिनोलेनिक एसिड भी पाया जाता है,जो की चेहरे की झुर्रियों और कालेपन ,रूखेपन को भी दूर करता है। अगर आप भी कद्दू की सब्जी और बीजो का सेवन करते है, तो आप अपनी त्वचा से सम्बन्धी कई सारी बिमारियों से बच सकते है।

6- हृदय के लिए फायदेमंद होता है, कद्दू

मनुष्ये के हृदय में जितनी भी प्रकार की बीमारियां होती है, वे सभी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है। लेकिन कुछ शोध के मुताबिक ऐसा भी माना गया है, की कद्दू के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण तत्व पाए जाते है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। जिससे मनुष्ये का हृदय स्वस्थ और दुरुस्त रहता है।

7- डिप्रेशन को कम करता है, कद्दू

डिप्रेशन की बीमारी एक मानसिक समस्या है, जिससे कभी ना कभी प्रत्येक व्यक्ति को इसका सामना करना ही पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है ,कद्दू एक एंटी डिप्रेशन खाद्य पदार्थ माना जाता है, जिसके सेवन से डिप्रेशन या तनाव को काम किया जा सकता है।

Side Effects of Pumpkin in Hindi – कद्दू से होने वाले नुकसान

कोई भी चीज को नियंत्रित मात्रा में ही खाना फायदेमंद होता है। इसी तरह से आप कद्दू को एक नियंत्रित मात्रा में खाते हो तो तभी कद्दू से फायदे आपको मिलेंगे। जिस तरह से किसी भी चीज को खाने से फायदे होते है, उसी तरह से उसके थोड़े बहुत नुक्सान भी होते है। तो आइये जानते है, कद्दू के नुक्सान क्या क्या है।

1- कुछ लोगों का शरीर कद्दू के प्रति संवेदनशील नहीं हो सकता है। अगर वो इसका सेवन अधिक करते हैं, तो कद्दू से उनको एलर्जी भी हो सकती है।

2- जिन लोगो को मधुमेह (शुगर) की बीमारी है, उन्हें कद्दू को अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। हालाकिं मैंने आपको ऊपर आर्टिकल में बताया है, की कद्दू मधुमेह के लिए फायदेमंद है, लेकिन आपको इसका सेवन ज्यादा अधिक मात्रा में नहीं करना है।

3- जैसा की आपको मैंने ऊपर आर्टिकल में बताया है, की कद्दू विटामिन-A से भरपूर मात्रा में समृद्ध होता है, और यह गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद भी होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इसका ज्यादा अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। इससे और भी अधिक परेशानी भी हो सकती है।

4- कद्दू को खाने के बाद गैस बनना या फिर पेट फूलने जैसे लक्षण महसूस हो तो आपको डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें।

How to Use Pumpkin in Hindi – कद्दू का उपयोग

कद्दू का उपयोग लगभग हर किसी की रसोई में होता है।

1- अन्य सब्जियों की तरह कद्दू की भी स्वादिष्ट सब्जी बनती है।

2- कद्दू की सब्जी दो तरह से बनाई जाती है, एक तरह से नमकीन सब्जी और दूसरी तरह से मीठी सब्जी, मीठी कद्दू की सब्जी बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट लगती है।

3- कद्दू (Pumpkin) का उपयोग खीर को बनाने के लिए भी किया जाता है, इसकी खीर बहुत ही स्वादिष्ट बनती है, इसकी खीर दूध में मिलकर बनाई जाती है।

4- कुछ लोग कद्दू की चटनी भी बनाते है।

5- कद्दू का उपयोग लड्डू बनाने के लिए भी किया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल

Q1- पम्पकिन का हिंदी नाम क्या है ?

A- पंपकिन का हिंदी में नाम कुम्हड़ा या फिर कद्दू भी कहते है, इसके अलावा इसको सीताफल भी कहा जा सकता है।

Q2- कद्दू के और कितने नाम है?

A- कद्दू के बहुत नाम है जैसे की कद्दू, सीताफल, काशीफल, रामकोहला और संस्कृत में कद्दू को कूष्मांड, पुष्पफल और वल्लीफल ,वृहत फल भी कहते हैं, और अंग्रेजी में इसका नाम पंपकिन (Pumpkin) है।

Q3- कद्दू की तासीर कैसी होती है ?

A- कद्दू की तासीर गर्म होती है।

Q4- कद्दू को सीताफल क्यों कहा जाता हैं?

A- पौराणिक कथाओं की बात को मानें, तो ये बात वनवास के समय की है ,यह फल माता सीता ने भगवान श्रीराम को भेंट मे दिया था। इसलिए ही इसको सीता फल भी कहा जाता है। 

Q5- कद्दू को कच्चा खा सकते है क्या ?

A- हां, कद्दू को कच्चा भी खा सकते है। कच्चा कद्दू खाने के अनेक फायदे भी होते हैं। इसे हम कच्चा या फिर पकाकर भी दोनों ही तरह से खा सकते है।

Note :– आज का यह आर्टिकल कद्दू की पूरी जानकारी (Pumpking in Hindi) के बारे में लिखा है। जिसमे आपको कद्दू, कुम्हड़ा या फिर सीताफल से जुड़ी हुई सभी प्रकार की जानकारियां प्रदान की गई है। अगर आपका इस आर्टिकल से सम्बंधित किसी भी तरह का कोई भी सवाल है, तो आप कमेंट करके हमको बता सकते है।

उम्मीद करती हूँ की आज आपको मेरे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। अगर इस आर्टिकल में सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार की कोई भी गलती हुई हो तो माफ़ी चहता हूँ। हिंदी की न्यूज़ के पेज की तरफ से पूरी टीम आपका दिल से धन्यवाद और आभार को व्यक्त करती है।

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