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मुगली घुट्टी 555 के फायदे और उपयोग (Mugli Ghutti 555 Uses in Hindi)

mugli ghutti uses in hindi

मुगली घुट्टी 555 (Mugli Ghutti 555) बच्चो के लिए लाभकारी है। मुगली घुट्टी 555 को जन्‍म घुट्टी और बाल जीवन घुट्टी भी कहते हैं। आपने भी या तो अपनी दादी या नानी से जरूर सुना होगा कि शिशु को घुट्टी पिलानी चाहिए।

मुगली घुट्टी 555 को बनाने में प्राकृतिक जडी-बुटियों का सही मात्रा मे प्रयोग किया गया हैं। इस का स्वाद मीठा होता है। ये मुगली घुट्टी 555 जन्म से लेकर 05 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए है। ये बच्चो के लिए पोष्टिक मीठी दवा है। यह प्रयोग में सरल व एकदम निर्दोष है। मुगली घुट्टी यानि बाल जीवन घुट्टी में बच्चों के लिए अमृत के समान 18 जड़ी-बूटियों का निचोड़ दिया गया है।

मुगली घुट्टी 555 का प्रयोग 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रतिदिन कराया जाये तो एक पुष्टई का काम करती है।मुगली घुट्टी 555 एक औषधी का रूप है। मुगली घुट्टी 555 बच्चो के लिए है। लाभकरी। बच्चो के लिए इसका प्रयोग संन1918 से लगातार करोडों माँ अपने बच्‍चों की पेट संबंधी शिकायतों के निदान के लिये मुगली घुट्टी 555 का प्रयोग करती आ रही है।

मुगली घुट्टी 555 क्यों पिलाना चाहिए (Mugli Ghutti 555 Uses in Hindi)

अगर आपके बच्चे को मल त्यागनें में कठिनाई हो रही हो या कई दिनों तक मल ना किया हो ,चिडचिडा पन रहना, पेट फूलना या पेट का कडा हो जाना, मल त्यागतें समय चहरे का रंग लाल हो जाना या जोर लगाना अन्य समस्याओं का सामना करना पड रहा है तो इसका सीधा मतलब यह है कि आपका बच्चा भी कब्ज की समस्या से जुझ रहा है। जिसके कारण उसे मल त्यागते समय असहनीय दर्द का सामना करना पड होगा। तो आप भी इसके उपचार के लिये Mugli Ghutti 555 का प्रयोग करे।

ये भी पढ़ें: बच्चों के बिस्तर गीला करने का उपचार

बच्चे को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता। मुगली घुट्टी 555 से ये केवल लाभकारी होती है।
कुछ पैरेंट्स तो बच्‍चे के जन्‍म के पहले दिन से ही घुट्टी पिलाना शुरू कर देते हैं। क्योंकी दादी नानी का मानना होता था कि इससे इम्‍यूनिटी बढ़ती है, बच्चो के दांत निकलने पर मदद करती है, दस्‍त होने पर , कब्‍ज की समस्या मे और कोलिक पेन जैसी समस्‍याओं से राहत देती है।

मुगली घुट्टी 555 मे मौजूद जड़ी बूटियाें के नाम

Mugli ghutti 555 ke labh

1 – Ajwain अजवाईन एक लाभकारी औषधी है। ये बहुत असनी से बाजार मे मिल जाती है। जो नियमित रूप से हर घर में भी मिल जाती है। यह पेट के लिये लाभकरी होती है। यह कब्‍ज की समस्या का निदान करने की लिए अत्‍यन्‍त गुणकारी है। अगर आप रोज खाली पेट अजवाईन के पानी का प्रयोग करते हो तो आपको कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। अजवाईन गर्म होती है।

2 – Harad छोटी हरड और बडी हरड छोटी हरड को कुछ लोग हरीतकी के नाम से भी जानते है। इसका प्रयोग पेट सम्‍बन्‍धी गम्‍भीर बीमारियों के साथ-साथ चेहरें की सुन्दरता को बढानें के लिये भी किया जाता है और बडी हरड कई बीमारियों में मदद करती है। उल्टी आने पर, पेट के फुल जाने पर मदद करती है, आदि।

3 – Amaltas– अमलतास पेट के रोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है। और साथ ही साथ यह खासी, बुखार, त्वचा रोग आदि के लिए भी लाभकारी है।
4 – Mulethi- मुलेठी का प्रयोग खांसी व कफ सम्‍बन्‍धी समस्‍याओं को दूर करने के लिये किया जाता है।

5 – Marorphali- मरोडफली पेड़ पर लगने वाला एक फल है जिसे मरोड़फली कहते है। मरोडफली का पेड़ पश्चिमी भारत के जंगलों में पाया जाता है। मरोडफली कफ एवं पित्त का शमन करने वाला एक फल है। ये शरीर से कफ को बाहर निकालती है। यह उदर रोगों को भी दूर करती है।

6 – Nisot:- निशोथ भी एक जडी बुटी है ये भी पेट से जुडी बीमारी के लिए इस्तेमाल की जाती है। बार- बार बुखार आने पर और पेट में सूजन जैसी समस्या के लिए और आखों से सम्बन्धित और अन्य कई बीमारियों में लाभदायक ओषधी है।

7 – Saunf- सौंफ भी एक ओषधी का ही रूप है। ये पाचन श‍क्ति को ठीक करने मे मदद करती है। भूख बढ़ाने का भी कार्य करती है। यह एक बहुत ही उपयोगी औषधि है। यदि इसका प्रयोग हम खाना- खाने के बाद करते हैं तो यह खाने को पाचने मे बहुत ही महत्‍वपूर्ण भूमिका को निभाती है।

8 – Jeera– जीरा भी एक जडी-बुटी है जीरा एंटीओक्सीडेन्ट होता है। जो सूजन को कम करता है। और जीरे का सेवन करने से माॅशपेशियों को आराम मिलता है। इसमे आयरन, पौटेशियम, कैलशियम आदि के गुण मौजूद होते है। जो हमारे शरीर के लिए भी बहुत अधिक लाभकरी है।

9 – Bahera-बहेडा का उपयोग पित्त की सूजन में किया जाता है ये पेट के लिए लाभकारी होता है। बहेडा का उपयोग लगातार हिचकी आने में किया जाता है इसके सेवन से आराम मिलता है। शारीरिक कमजोरी को भी दूर करने मे इसका सेवन किया जाता है। सीने में जलन आदि मे आखों की रोशनी बढानें में अन्य कई बीमारियों में लाभकारी है। -बहेडा का उपयोग

10 – Makoh– मकोय भी एक लाभकारी ओषधी मे आती है। यह एक रसभरी होती है इसके सेवन से आप अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हो मकोय हर राज्य तथा हर मौसम में बहुत आसनी से मिल जाती है।

11 – Baykhuma– बाखुमा भी शरीर के लिए बहुत लाभकारी है ये पेट मे कव्ज सम्‍बन्‍धी हर बीमारियों से निजात दिलाता है।

मुगली घुट्टी 555 की खुराक देने की विधि-(Mugli Ghutti 555 Uses)

  • एक दिन से 03 माह तक के बच्‍चों के लिए सिर्फ 5 बूंद
  • 3 माह से 06 माह तक के बच्‍चों के लिए सिर्फ 10 बूंद
  • 6 माह से 01 साल तक के बच्‍चों के लिए सिर्फ 15 बूंद
  • 1 साल से 02 साल तक के बच्‍चों के लिए सिर्फ 20 बूंद
  • 2 साल से 03 साल तक के बच्‍चाें के लिए सिर्फ 25 बूंद
  • 3 साल से 5 साल तक के बच्‍चों के लिए लगभग एक चम्‍मच

मुगली घुट्टी 555 बच्चों की किन-किन बिमारियों में बच्चो को दी जाती है।

  • अगर बच्‍चे को कब्ज सम्‍बन्‍धी किसी भी प्रकार की परेशानी है तो जैसे मल का टाईट आना, कई-कई दिनों बाद मल का साफ होने पर दी जाती है। मुगली घुट्टी 555
  • बच्चे मे शारीरिक दुर्बलता-सुखा रोग होने पर मुगली घुट्टी 555 लाभकारी औष‍धी सिद्ध हुई है।
  • अगर आप का बच्‍चा बार-बार दूध उलटना है तो भी ये लाभकारी है।
  • बच्‍चेंं के पेट में दर्द होने पर भी लाभकारी है मुगली घुट्टी 555
  • अगर बच्चे को बार-बार हरे पीलें दस्त हो रहे हो तो इस घुट्टी का सेवन करा दे आराम मिल जयेगा।
  • दाॅत निकलतें समय होनें वाले कष्ट मे मुगली घुट्टी 555 देने से बच्चे को जल्दी आराम मिलता है।

यह एक इकलौ‍ती ऐसी दवा है जिसक प्रयोग हमारी दादी- नानी के परदादा के समय से होता आ रहा है। जो नुकसान से रहित है और जिसका प्रयोग वास्‍तव में बहुत ही गुणकारी सबित हुआ है।

इस आर्टिकल मैं हमने mugli ghutti 555 uses in hindi और मुगली घुट्टी से होने वाले सभी लाभ के बारे मैं बताया है |

Note: बच्चे को देने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें |


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