Corn flour को हिंदी में क्या कहते हैं? कॉर्न का में hindi meaning होता है मक्का का आटा,corn flour को भुट्टा भी कहते है। मक्का को भुट्टा के रूप में लगभग पूरे भारत देश में खाया जाता है। मक्के को एक अनाज के रूप में भी जाना जाता है। मक्के की रोटी और सरसो का साग तो सभी की पसंद है। मक्का एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर के साथ कई सारे जरूरी विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। इसीलिए कॉर्न फ्लोर यानि मक्का शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति का काम करता है। कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं?
आज हम इस आर्टिकल में आपको कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं? के बारे मे कुछ जानकारी देने की कोशिश करेंगे और इसमे मौजूद विभिन्न पोषक तत्वों की भी जानकारी देंगे और कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं? इसका भी नाम बतायेगे और कॉर्न फ्लोर इसे क्या – क्या लाभ मिलता है।
कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं?
कॉर्न फ्लोर शब्द एक अंग्रेजी का शब्द है। कॉर्न फ्लोर को हिंदी में मक्के का आटा कहा जाता है।
मक्के को कुछ जगहों पर भुट्टा भी कहा जाता है।
कॉर्नफ्लोर को हम भुट्टे का आटा या फिर उसके जैसा कह सकते है। लेकिन Cornflour को हम सही रूप से भुट्टे का आटा कहना भी ठीक नहीं है। क्योकि, कॉर्नफ्लोर जो होता है ना वो मक्के के आटे से थोड़ा अलग सा होता है।
मक्के का आटा कॉर्नमील फ्लोर बोला जाता है, क्योंकि इसको बनाने में मक्के के दानों को सुखाने के बाद उन्हें चक्की से पीसकर तैयार किया जाता हैं और मक्के का आटा पीला होता है। और कॉर्नस्टार्च, कॉर्न फ्लोर मक्के के दाने का स्टार्च होता है। कॉर्न फ्लोर को बनाने के लिए हम सबसे पहले मक्के के दानों से छिलका हटाकर फिर उसको पीसकर बनाया जाता है, यह सफेद रंग का पाउडर होता है, यह नार्मल Cornflour से ज्याद सफ़ेद और बारीक़ से पीसा हुआ होता हैं। कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं?
कॉर्न फ्लोर में मौजूद कुछ पोषक तत्व
पोषक तत्व >यूनिट मात्रा प्रति 100 ग्राम
कॉर्न फ्लोर के फायदे
कॉर्नफ्लोर के बहुत सारे से उपयोग है। अलग अलग जगह के लोग अलग-अलग तरीके से इसको प्रयोग में लेते है। कॉर्न फ्लोर को हिंदी में क्या कहते हैं? कॉर्नफ्लोर के सेवन से बहुत लाभ भी मिलता है। ऐसे ही कुछ कॉर्नफ्लोर के फायदे के बारे में कुछ बातें यहाँ पर बताने जा रहे है।
(1) पाचन को करे दुरुस्त करता है
पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। रोज एक भुट्टा खाने के अनेक फायदे है। इस बात का प्रमाण मकई से संबंधित एक शोध में किया गया था। इस शोध में ही माना गया है कि भुट्टा में मौजूद विटामिन-B कॉम्प्लेक्स पाचन में सुधार का भी काम करता हैं। वहीं, यह भी माना गया है कि भुट्टा का सेवन पाचन में पाचक रस के उत्पादन को भी बढ़ाने का काम करता है । इसलिए ही ये कहना गलत नहीं होगा की भुट्टा का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में काफी ज्यादा मदद मिलती है।
(2) एनीमिया से करता है बचाव
भुट्टा कॉर्न के फायदे में एनीनिया से बचाव मिलता है। इससे आयरन की कमी को भी पूरा किया जा सकता है। आयरन की कमी के कारण ही एनीमिया होने की आशंका रहती है। वहीं पर हम लोग भुट्टा के सेवन से मनुष्ये के शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकते है। बता दें कि आयरन की कमी के अलावा, विटामिन B-12, और फोलिक एसिड या फिर कोई गंभीर बीमारी भी एनीमिया का कारण हो सकती है। वहीं पर हमको भुट्टे में आयरन के साथ-साथ ही फोलिक एसिड/फोलेट और विटामिन B-12 भी पाया जाता है जो एनीमिया से निजात दिलाने में हमारी मदद करता है।
(3) हृदय स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।
भुने हुए भुट्टे के दाने (पॉपकॉर्न) से संबंधित एक शोध में भी माना गया है कि इसमें उपस्थित फिनोलिक और यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर मात्रा में समृद्ध होते हैं। इसी गुण के कारण हृदय रोग और हाई बीपी में राहत पहुंचाने का भी काम करते है। वहीं, शोध में यह भी पता चल है की इस काम में भुट्टा में मौजूद फेरुलिक एसिड अपनी अहम भूमिका को भी निभाता है।
(4) वजन नियंत्रण में सहायक है।
बढ़ाते हुए वजन से परेशान लोगों के लिए भी भुट्टा एक आसान और उत्तम सा उपाय साबित हुआ है। इसकी सही वजह यह है कि इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है ,जो कि हमारे वजन को नियंत्रित रखने के साथ बहुत मदद करता है। अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी में भी इस बात को स्वीकार किया गया है। इसी शोध में ये भी जिक्र किया गया है की मेसिन नाम के रसायन से भरपूर कॉर्न सिल्क (भुट्टे पर मौजूद हल्के रेशेदार बाल) का अर्क का वजन को कम करने में हमारी सहायक करता है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कॉर्न के फायदे बढ़ाते हुए वजन को कम करने में हमारी मदद करता है।
(5) गर्भावस्था में सहायक है।
भुट्टा खाने के फायदे गर्भावस्था में भी बहुत लाभकारी साबित होते हैं। कारण यह है कि इसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन,फोलिक एसिड के साथ-साथ विटामिन C,और D, A भी पाया जाता है। वहीं, यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में भी उपयोगी होते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन-B से होने वाले शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी में विकार उत्पन्न होना से भी बचाता हैं। वहीं, गर्भावस्था में शुगर (डायबिटीज) की समस्या होने में डॉक्टर पौष्टिक आहार में कॉर्न खाने की भी सलाह देते हैं। इन सभी तथ्यों को देखते हुए कहा जाता है की भुट्टा का इस्तेमाल गर्भावस्था में बहुत लाभकारी होता परिणाम है।
(6) आंखों के लिए भी है फायदेमंद।
भुट्टा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और ल्यूटिन और जैक्सैन्थिन आंखों की रोशनी को बचाए रखने में बहुत लाभकारी होते हैं। इस मामले में किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि भी की जा चुकी है कि उम्रदराज लोगों की आंखों की नसों में शिथिलता आती है। इससे उनको कम दिखाई देने लगता है या फिर अंधेपन जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आंखों के लिए भी कॉर्न के फायदे सहायक गए हैं।
कॉर्नफ्लोर के उपयोग बहुत सारे है।
कॉर्नफ्लोर का प्रयोग रसोईघर में किया जाता हैं, लेकिन इसके साथ – साथ ये कुछ बीमारियों के लिए भी मेडिकल थेरेपी के रूप में भीं उपयोग होता है इसका उपयोग कहाँ किया जाता है, इसके बारे में भी कुछ जानकारी इस प्रकार से है।
(1) आप इसका इस्तेमाल सूप में, सॉस को गाढ़ा बनाने के लिए किया जाता हैं। इसके अलावा डीप फ्राइड फूड में भी इस्तेमाल किया जाता हैं।
(2) ग्लाइकोजन स्टोरेज डीजीज वाले लोगों के लिए भी कॉर्न फ्लोर का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग 5 से 12 महीने की उम्र में शुरू कर सकते है। इसके सेवन से ग्लूकोस के उतार चढ़ाव को भी रोका जा सकता है।
(3) इसका प्रयोग आइसक्रीम या दूध से बनने वाली कई चीजों में होता हैं जिनसे दूध को गाढ़ा भी किया जा सकता है। लेकिन दूध पतला होने के कारण व्यंजन बनाने में दिक्कत आती है तो इसका इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ही दूध को गाढ़ा करने के लिए कॉर्न फ्लोर का उपयोग किया जाता हैं।
(4) खाने के अलावा इसका प्रयोग कई तरह के मेडिकल प्रोडक्ट बनाने में भी कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे की कंडोम, डायाफ्राम या फिर मेडिकल गलव्स आदि में।
(5) कॉर्न फ्लोर का इस्तेमाल बायोप्लास्टिक्स और एयर बैग बनाने के लिए भी किया जाता है।
(6) कॉर्नस्टार्च का उपयोग बेबी पाउडर में भी किया जाता है।
(7) कॉर्नस्टार्च का उपयोग कटा हुआ पनीर को अक्सर कॉर्नस्टार्च के पतले घोल के साथ लपेटा जाता है ताकि जब इसे सेंका जाए तो यह बिखरे नहीं इससे पनीर अच्छी तरह से सिक जाता है।
(8) इस तरह से कॉर्नफ्लोर का प्रयोग आप अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल कर सकते है आदि।