MSP Full Form = MINIMUM SUPPORT PRICE (न्यूनतम समर्थन मूल्य)
MSP FULL FORM = MINIMUM SUPPORT PRICE होता है। जिसका हिंदी में पूरा मतलब है न्यूनतम समर्थन मूल्य। यह किसानों को प्रदान की जाने वाली एक प्रकार की निर्धारित मूल्य दर हैं। जो किसानों को कोई नुकसान ना हो इस कारण से दर प्रदान की जाती है।न्यूनतम समर्थन मूल्य हर किसान को इसकी दर प्रदान की जाती है। फिर चाहे किसान की फसल की उत्पादन कम हुई हो या फिर ज्यादा हुई हो यह मायने नहीं रखता है। सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया था। MSP मिनिमम सपोर्ट प्राइस का मतलब किसानों को उनकी मेहनत और फसल का एक निर्धारित मूल्य दर देने से है।
MSP क्या है?
Minimum Support Price एक प्रकार की Guaranteed Price है। जो की हर किसान को उनकी फसल की उत्पादन पर प्रदान की जाती है। फसलों की कीमत कम होने से अक्सर किसानों को नुकसान झेलना का समना करना पड़ता है। यही वजह है कि समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानो को बाजार में फसल की कीमत कम होने पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य दर पर फसल की कीमत प्राप्त हो सकेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने से किसानो को बाजार में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को नहीं झेलना पड़ेगा। और यही वजह रहती है कि हर किसान को MSP की मांग करनी पड़ रही है।
MSP से किसानों को होने वाले लाभ
1- मिनिमम सपोर्ट प्राइस से किसानों को कम नुकसान झेलना पड़ता हैं।
2- MSP के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
3- Minimum Support Price के माध्यम से किसानों की फसलों का दाम नहीं गिरता है।
4- बाजार में फसलों का दाम काम हो जाने पर भी उन्हें निर्धारित (न्यूनतम समर्थन मूल्य) प्रदान किया जाता है।
Minimum Support Price = MSP कौन तय करता है?
Minimum Support प्राइस = MSP का निर्धारण (कृषि लागत एवं मूल्य आयोग संस्था) के द्वारा निर्धारित किया जाता है। यहाँ हमारे देश के कृषि मंत्रालय के तहत आने वाली इस संस्था की शुरुआत (जनवरी 1965) में हुई थी। शुरुआत में इस संस्था का नाम रखा था (कृषि मूल्य आयोग) जिसके बाद इसका नाम सन 1985 में लागत जोड़ने के साथ (कृषि लागत एवं मूल्य आयोग) कर दिया गया। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के द्वारा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति और भारत सरकार को बताये आंकड़ों के बाद ही MSP (minimum support price) तय किया जाता है।