Shahberi home buyers :- नोएडा में मौजूद सुपरटेक के ट्विन टॉवर गिराए जाने के बाद अब शाहबेरी इलाके के ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में घर खरीदारों के एक समूह ने मिल कर स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके अवैध जगहों पर बने मकानों को ध्वस्त करने की मांग उठाई। जिन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के ऑडिट में खतरनाक घोषित किया गया है।
Shahberi home buyers: नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर गिराए जाने के बाद अब ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में अवैध मकानों को ध्वस्त करने की मांग उठाई शाहबेरी में घर खरीदारों ने एक समूह ने मिलकर स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके अवैध मकानों को ध्वस्त करने की मांग को उठाया है। उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के ऑडिट में खतरनाक बता के घोषित किया गया है। समूह ‘जस्टिस फॉर शबेरी होमबॉयर्स’ ने अपनी ये मांग की है, कि अवैध संरचनाओं के विध्वंस होने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश पुनर्वास अधिनियम के तहत 2013 के मानदंडों के अनुसार उनको मकान भी दिया जाएं। शाहबेरी की ये जगह ग्रेटर नोएडा में स्थित है, इसे नोएडा एक्सटेंशन के नाम से भी लोग जानते है। तारीख 17 जुलाई 2018 को शाहबेरी तब सुर्खियों में आया था। जब एक दूसरे के अगल-बगल में बनी दो इमारतें गिर गईं थी। जिसमें मौजूद एक बच्चा और दो महिलाओं सहित 9 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरण की जांच की रिपोर्ट में पता चला कि भवन अवैध रूप से और उचित अनुमोदन के बिना ही बनाए दिए गए थे और क्षेत्र में और भी कई अन्य संरचनाएं इसी तरह की से गई हैं।
असुरक्षित इमारतों को गिराने पर अनुरोध
पिछले ही कुछ हफ्ते पहले जिला प्रशासन में और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरण को पत्र लिखा है,की शाहबेरी में घर खरीदारों ने अवैध रूप से निर्मित, असुरक्षित इमारतों को गिराने के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने साफ लिखा है की इन ‘असुरक्षित इमारतों’ में रहना अपने जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है। क्योंकि उन इमारतों को (IIT) दिल्ली की टीम ने 2019 में ही एक संरचनात्मक ऑडिट रिपोर्ट में इनको खतरनाक घोषित कर दिया था। शाहबेरी के कुछ निवासीयो ने कहा हमने आवासीय भवनों एपीएस आशियाना, एपीएस आशियाना 2, एपीएस रॉयल होम्स, एपीएस क्रिस्टल होम्स और एपीएस हाइट्स, एपीएस गोल्ड होम्स को गिराने का अनुरोध किया है। और व्ही पर एक अन्य निवासी ने ये भी कहा कि आईआईटी दिल्ली की एक टीम ने बोया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के निर्देश में शाहबेरी में एक भवन सुरक्षा सर्वेक्षण भी किया था और तब पाया गया कि ये इमारतें रहने के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा ऑडिट की रिपोट में पाया गया है। कि इन इमारतों में रहना जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है क्योंकि इमारतें कभी भी अपने आप से गिर सकती हैं।
अवैध मकानों को सील करने की भी मांग की
ऐसे ही एक इमारत में रहने वाले और शाहबेरी में मकान खरीदारो ने भी इस मांग को उठाया। अधिकारियों ने ही बताया है की इनके अनुसार, शाहबेरी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में ही आता है। जहां बिना उसकी मंजूरी के किसी भी जगह का निर्माण नहीं किया जा सकता है। कुछ अधिकारियों ने ये भी बताया है कि 17 जुलाई 2018 को दो इमारतों के गिरने के बाद ही इलाके में से अवैध निर्माण को लेकर करीब से करीब 80% प्राथमिकी दर्ज की जा गईं और 50 से भी अधिक बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। संन 2019 में शाहबेरी में स्थित 426 भवनों के भवन संरचना सुरक्षा ऑडिट’ में आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट ने सिफारिश की कि विभिन्न श्रेणियों में भवनों के लिए संरचनात्मक सर्वेक्षण, विश्लेषण, परीक्षण और सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम का पालन किया जाए। एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, उपरोक्त कार्यक्रम के क्रियान्यवन के समय इमारतों के निवासियों और सर्वेक्षण तथा जांच टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इन इमारतों को खाली किया जाना चाहिए और इन सभी मकानों को सील कर दिया जाना चाहिए जहां पर झुकाव और दरार सहित संरचनात्मक संकट के लक्षण साफ़ दिखाई दे रहे हैं।