Hindi Ki News
शिक्षा

बल का SI मात्रक क्या है?

Bal ka SI matrak kya hai?

Bal ka SI matrak kya hai और बल किसे कहते हैं और Bal ka matrak hain  साथ ही में हम आपको बल की परिभाषा के बारे में भी बता रहे है। भौतिक विज्ञान में एक सबसे महत्वपूर्ण पाठ बल का भी हैं। बल को हम पुरे दिन में छोटे से छोटे कार्य को पूर्ण करने में प्रयोग करते हैं।  जैसेः- जब हम कोई भी दरवाजा खोलते हैं या फिर अपने मोबाइल फोन के बटन को दबाते हैं। तब भी हम बल का ही प्रयोग करते है।

Bal ka SI matrak kya hai और बल किसे कहते हैं?

क्या आपको पता हैं बल का SI मात्रक क्या हैं। अगर नहीं है तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बल के बारे में और बल की परिभाषा से लेकर बल के प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की है।

बल का SI मात्रक क्या है?

उत्तर :- बल का SI मात्रक न्यूटन हैं। जिसको N मात्रा से इंकित किया जाता है।

बल वह बाह्य कारक होता है जो वस्तु की प्रारम्भिक अवस्था में परिवर्तन करता है या फिर परिवर्तन करने का प्रयास करता है। बल एक सादिश राशि है और बल का SI मात्रक न्यूटन होता है और सेंटीमीटर–ग्राम–सेकेण्ड में बल का मात्रक डाइन होता है।

बल की परिभाषा क्या है?

 उत्तर :- बल की ही मदद से किसी वस्तु या उसकी स्थिति और दिशा में परिवर्तन होता हैं, बल एक प्रकार से धक्का या खिचाव होता हैं जो की किसी स्थिर वस्तु को भी गतिशील बना देता है। जैसे जब कोई वस्तु किसी सीधे रास्ते पर आगे की ओर बढ़ती हैं तो उसे रोकने के लिए गति की विपरीत दिशा में गतिशील वस्तु से ओर अधिक मात्रा में बल लगाना पड़ता हैं जिससे वह वस्तु स्थिर अवस्था में आ जाती हैं। जैसे कोई गाड़ी रोड पर 20 किमी/घंटा के हिसाब से भाग चल रही है, तो उस गाड़ी को रोकने के लिए गाड़ी के पहिये पर 20 किमी/घंटा के हिसाब से चलाने वाले बल से अधिक बल का ब्रेक लगाना होगा तभी वो गाड़ी अपनी स्थिर अवस्था में आ सकती हैं।

बल कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर :- बल चार प्रकार के होते हैं।

(1) घर्षण बल

(2) गुरुत्वाकर्षण बल

(3) अभिकेन्द्रीय बल

(4) चुम्बकीय बल

 (1) घर्षण बल

घर्षण बल वो बल होता हैं,जो किसी गतिशील वस्तु के साथ विपरीत दिशा में कार्य करता हैं। घर्षण बल दो सतहों के बीच में से उत्पन्न होता हैं।

 (2) गुरुत्वाकर्षण बल

गुरुत्वाकर्षण बल नीचे की तरफ कार्य करता है,जैसे जब आप गेंद को आकाश में फेकते हैं तो वो गेंद फिर से जमीन की ओर आती हैं. यह  कार्य गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा ही संभव होता है।

(3) अभिकेन्द्रीय बल

जब कोई वस्तु एक वृतीय स्थिति पर गति करती हैं. तो एक बल वृतीय स्थिति के केंद्र से वस्तु की ओर लगता हैं, यह बल वस्तु को अपनी ओर खिचता हैं, इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहा जाता है।

(4) चुम्बकीय बल

जब किसी दो चुम्बक से टुकड़े को आपस में संपर्क में लाते हैं. तो एक दुसरे को आकर्षित करते हैं. इसे चुम्बकीय बल कहा जाता है।

Related posts

महीनो के नाम संस्कृत में – Months Name In Sanskrit ,Hindi & English

Admin

प्रोग्राम किसे कहते हैं?(What is Programming in Hindi)

Satyam

BSC full form in hindi , बीएससी का फुल फॉर्म क्या होता है

Satyam
error: Content is protected !!