मेरे प्यारे दोस्तों और आप सब लोग कैसे है। आज एक बार फिर से Hindi ki news के पेज पर आप सभी का स्वागत है। आज हम एक नया आर्टिकल आप सभी लोगो के लिए लेकर आये है। जिसका आर्टिकल का नाम है। 12 Jyotirlinga – भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर स्थित हैं। आइये आज इस आर्टिकल को लिखने की शुरुवात करते है। और जानते हैं की कैसे हम 12 Jyotirlinga – भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर स्थित हैं। आज इस आर्टिकल में आप 12 Jyotirlinga – भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर स्थित हैं के बारे में जानेंगे।
अपने पूरे भारत देश में कई शिव मंदिर और शिव धाम मौजूद हैं। भारत देश मंदिरों का देश माना जाता है। और यहां पर कई ऐसे भी विशिष्ठ धाम है। जहां पर भक्तों का तांता हमेशा लगा ही रहता है। 12 (Jyotirlinga) ज्योतिर्लिंगों में ज्योति रूप में भगवान शिव स्वयं ही विराजमान हैं। भारत देश के अलग- अलग भागों में शिव जी के ये पावन ज्योतिर्लिंग स्थित हैं। ऐसा माना जाता है 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने मात्र से ही सभी पापों का अपने आप से ही नाश हो जाता है। बहुत ही सौभाग्यशाली लोग ही अपने जीवनकाल में शिवजी के 12 ज्योतिलिंगों के दर्शन कर पाते हैं। आइए, अब जानते हैं की 12 Jyotirlinga – भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर स्थित हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम क्या-क्या है और ये कहा -कहा पर स्थित हैं। एक बार इस आर्टिकल को जरूर रीड करे।
12 Jyotirlinga – भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर स्थित हैं। | ||
1 | सोमनाथ ज्योतिर्लिंग | गुजरात |
2 | मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग | आध्रप्रदेश |
3 | महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग | उज्जैन, मध्यप्रदेश |
4 | ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग | मांधाता, मध्यप्रदेश |
5 | केदारनाथ ज्योतिर्लिंग | उत्तराखंड |
6 | भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग | पुणे, महाराष्ट्र |
7 | बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग | वाराणसी, उ.प्र. |
8 | त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग | नासिक, महाराष्ट्र |
9 | वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग | देवघर, झारखंड |
10 | नागेश्वर ज्योतिर्लिंग | द्वारका, गुजरात |
11 | रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग | कन्याकुमारी, तमिलनाडु |
12 | घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग | औरंगाबाद, महाराष्ट्र |
1- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग-गुजरात
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक कुंड भी कहते हैं। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का उल्लेख ऋग्वेद में और शिव पुराण में , स्कंद पुराण में, श्रीमद भगवत गीता में भी लिखा मिलता है। इससे हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह मंदिर कितना पुराना है।
2- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – आध्रप्रदेश
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे पर स्थित है,और यह मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है।छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के रखरखाव में भी अपना योगदान दिया था। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की सबसे अच्छी खास बात ये यह है इस के पास में एक शक्तिपीठ भी मौजूद है।
3- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (उज्जैन, मध्यप्रदेश)
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है। जो दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग है,और यहां प्रतिदिन 5000 से ज्यादा भक्त पूजा करने के लिए आते-जाते हैं। त्योहारों पर तो यहां भक्तों का तांता ही लगा रहता है।
4- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में शिवजी का यह पावन धाम मौजूद है। इंदौर में ये ज्योतिर्लिंग है। और उस स्थान पर नर्मदा नदी भी बहती है ,और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ॐ का आकार भी बनता है।
5- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड)
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की केदार नामक चोटी पर मौजूद है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ जी के मार्ग में ही स्थित है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ की खोज पांडवों ने की थी। और वो अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए केदारनाथ धाम पर गए थे। केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने ही किया था। उसके बाद इसका मंदिर का पुनर्निर्माण आदिशंकराचार्य जी ने करवाया था।
6- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में मौजूद है। महाराष्ट्र के सम्हाद्री नामक पर्वत पर ये स्थित है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के बारे में आज आपको एक कथा बताते हैं जो रामायण काल से जुड़ी चली आ रहीं है। जब भगवान श्री राम ने कुंभकरण का वध कर दिया था तब कुंभकरण की कर्कटी नामक पत्नी का पुत्र भीम को कर्कटी ने देवताओं से दूर रखने का निश्चय कर लिया था। जब भीम को मालूम हुआ की देवताओं ने उसके पिता का वध कर दिया तो उसने बदला लेने के लिए ब्रह्मा जी की तपस्या करनी शुरू की और महान बलशाली होने का वरदान भी मांगा।
भीम ने कामरूपेक्ष्प को मारने की भी कोशिश की। तभी भगवान शंकर ने वहां प्रकट होकर भीम का वध कर दिया और तभी से देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की के वे वही अपने ज्योतिर्लिंग के रूप में यहाँ पर निवास करें। तब से इस ज्योतिर्लिंग का नाम भी भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पड़ गया है।
7- बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
बाबा विश्वनाथ की यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी वाराणसी शहर में मौजूद है। विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को काशी विश्वनाथ भी कहा जाता है। और यह भी एक मान्यता है कि सूर्य की पहली किरण काशी पर ही गिरी थी। वाराणसी के इस ज्योतिर्लिंग मंदिर को कई बार तोड़ने की भी कोशिश की गई औरंगजेब ने भी इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी और इसके के पास एक और मंदिर था उसे भी तोड़ने की कोशिश की थी। और फिर वहां पर एक मस्जिद का भी निर्माण कराया गया और आज वही मस्जिद ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से जानी जाती है।
8- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (नासिक, महाराष्ट्र)
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग ये महाराष्ट्र के नासिक जिले में है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम का एक पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी की शुरूआवत होती है।
त्रिंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग इसलिए कहा जाता है। क्योंकि यहां पर तीन छोटे-छोटे लिंग बने हैं जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव के प्रतीक माना गया है।
और यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक शहर से कुछ दूर गौतमी नदी के तट पर मौजूद है।
9- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड)
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के संथाल परगना के पास में स्थित है।
धार्मिक पुराणों में शिव के इस पावन धाम को चिताभूमि भी कहा गया है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को रावण की भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
10- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात)
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती के द्वारका के करीब में स्थित है। धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता भी बताया गया है। और नागेश्वर का सही अर्थ होता है नागों का ईश्वर। द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी सिर्फ 17 मील की ही है।
11- रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु)
भगवान शिव का यह ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान पर मौजूद है। जो रामेश्वरतीर्थ है। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ कहा जाता है। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने ही की थी। भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए जाने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का ही नाम रामेश्वरम दिया गया है।
12- घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र)
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजी नगर के पास दौलताबाद में स्थित है। इससे भगवान का शिवालय भी कहा जाता है क्योंकि यह अंतिम और बाहरवा ज्योतिर्लिंग है।इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मा के मृत पुत्र को जीवित करने के लिए भगवान शिव के समर्पण के लिए बनाया गया है। और तभी से यह घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी प्रसिद्ध हुआ है।
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